भारत में राष्ट्रवाद कक्षा 10: Bharat Mein Rashtrawaad History Class 10 » Jharkhand Pathshala

भारत में राष्ट्रवाद कक्षा 10: Bharat Mein Rashtrawaad History Class 10

भारत में राष्ट्रवाद: इस अध्याय में आप कक्षा 10 के इतिहास के अध्याय 3 के महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उत्तर पढ़ेंगे। ये सभी प्रश्न उत्तर झारखंड बोर्ड के कक्षा दसवीं की वार्षिक परीक्षा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। इन सब को तैयार करते समय बहुत सावधानी बरती गई है फिर भी पुस्तक का सहारा अवश्य लें क्योंकि यहां पर उपलब्ध जानकारी से किसी भी प्रकार की हानी के लिए इस वेबसाइट के कर्ता-धर्ता जिम्मेदार नहीं होंगे।

भारत में राष्ट्रवाद अति लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. बहिष्कार आंदोलन का अर्थ क्या है?
Ans: बहिष्कार आंदोलन का अर्थ है कि विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया जाए तथा उनके स्थान पर अपने देश की बनी वस्तुओं का प्रयोग किया जाए।

Q.2. रिपोर्ट क्या है?
Ans: नेहरू रिपोर्ट 10 अगस्त 1928 को प्रस्तुत की गई। इसमें भारत को एक राष्ट्र का दर्जा देना संसदीय प्रणाली का गठन करने तथा मूल अधिकारों पर जोर दिया।

Q.3. स्वराज से क्या तात्पर्य है?
Ans: स्वराज का अर्थ ऐसी शासन व्यवस्था है जैसा कि स्वशासी ब्रिटिश उपनिवेश में स्थापित है। साधारण भाषा में इसका अर्थ है।

Q.4. चोरा चोरी कांड क्या है?
Ans: यह एक स्थान है जहां 1922 ई. में सरकार के विरुद्ध सभा हो रही थी। छेड़खानी की कोई बात ना होने पर भी पुलिस ने गोलियों चला दी। गुस्से में लोगों ने पुलिस स्टेशन में आग लगा दी जिससे 22 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई। गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस लिया।

Q.5. गांधी इरविन समझौता की दो प्रमुख विशेषताएं लिखिए।
Ans: गांधी इरविन समझौता के साथ ही गांधी जी ने दूसरे गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस समझौते की मुख्य विशेषताएं

  • सरकार सभी कैदियों को छोड़ने के लिए तैयार हो गई जिनके विरुद्ध हिंसा से जुड़ा कोई मामला नहीं था।
  • गांधीजी को प्रतिनिधि के रूप में भेजा गया।

भारत में राष्ट्रवाद लघु उत्तरीय प्रश्न तथा उत्तर

Q.1. सत्याग्रह के विचार का क्या मतलब है?
Ans: सत्याग्रह के विचार में सत्य की शक्ति का आग्रह और सत्य की खोज पर गांधी जी ने जोर दिया था। सत्याग्रह के विचार के अर्थ की व्याख्या निम्नांकित रूप से की जा सकती है-

  • यदि आपका उद्देश्य सच्चा और न्याय पूर्ण है तो आपको अंत में सफलता अवश्य मिलेगी, ऐसा महात्मा गांधी का विचार था।
  • प्रतिशोध की भावना या आक्रामकता का सहारा लिए बिना सत्याग्रही केवल अहिंसा के सहारे भी अपने संघर्ष में सफल हो सकता है. इस संघर्ष में अंततः सत्य की ही जीत होती है।
  • गांधी जी को विश्वास था कि अहिंसा का यह धर्म सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बांध सकता है।

Q.2. साइमन कमीशन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
Ans: ब्रिटेन की टोरी सरकार ने भारत में राष्ट्रवादी आंदोलन के जवाब में 1927 में एक वैधानिक आयोग का गठन किया जिसे साइमन कमीशन के नाम से जाना जाता है इस कमीशन के अध्यक्ष सर जॉन साइमन थे। इस आयोग के सभी सदस्य अंग्रेज थे उनका कार्य यही था कि भारत में संवैधानिक व्यवस्था की कार्यशैली का अध्ययन करना एवं तदनुरूप सुझाव देना। भारत में इसका विरोध किया गया था क्योंकि इस आयोग में एक भी भारतीय सदस्य नहीं थे सारे सदस्य केवल अंग्रेज यहे। अतः 1928 में जब साइमन कमीशन भारत आया तो उसका स्वागत ‘साइमन कमीशन वापस जाओ’ के नारों से किया गया कांग्रेस और मुस्लिम लीग सभी पार्टियों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया पंजाब में लाला लाजपत राय ने इस आयोग के विरुद्ध प्रदर्शन का नेतृत्व किया पुलिस ने उन पर इतनी लाठियां बरसाई की इस हार में उनकी मृत्यु हो गई।

Q.3. 1920 के असहयोग आंदोलन के परिणाम लिखे।
Ans: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के द्वारा असहयोग आंदोलन सन 1920 में प्रारंभ होकर 1922 तक समाप्त हुआ।
इसके प्रभाव निम्नलिखित हैं- इस आंदोलन से जनता में नया उत्साह उत्पन्न हो गया, हिंदू मुस्लिम मिलकर अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने लगे, लोगों ने सरकारी नौकरियां छोड़ दी, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया गया।

Q.4. स्वराज दल का गठन क्यों किया गया? इसका क्या कार्य था?
Ans: स्वराज दल का गठन 1923 में कांग्रेस के स्पेशल अधिवेशन (दिल्ली) में अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में हुआ। कांग्रेस में स्वराज्यवादियों को अनुमति दे दी कि वे चुनाव में भाग ले सकते हैं उन्होंने केंद्रीय और प्रांतीय धारा स्वभाव में बहुमत सीटें पाई। इससे अंग्रेजों को परेशानी हुई कि वे अपनी नीतियों और प्रस्तावों को आसानी से पास ना करवा पाएंगे। स्वराज्य वादियो ने अंग्रेज विरोधी भावना बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Q.5. दांडी यात्रा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
Ans: अंग्रेजों के नमक कानून के खिलाफ गांधी जी ने दांडी यात्रा प्रारंभ की जिसका उद्देश्य नमक कानून का उल्लंघन करना था। स्वतंत्रता के लिए देश को एकजुट करने के लिए गांधी जी ने नमक को एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में देखा। नमक सर्वसाधारण के भोजन का एक अनिवार्य हिस्सा था तथा चिकित्सकीय दृष्टिकोण से भोजन में इसकी उपस्थिति अत्यंत आवश्यक थी। अतः नमक कर को गांधी जी ने ब्रिटिश शासन का सबसे दमनकारी पहलू बताया इस आंदोलन के अंतर्गत गांधी जी ने अपने गिने-चुने साथियों के साथ साबरमती आश्रम से 240 किलोमीटर दूर डांडि नामक तटीय कस्बे तक की पैदल यात्रा की। नमक आंदोलन का उद्देश्य कानून का उल्लंघन करना था लेकिन इस आंदोलन में अंग्रेजो के खिलाफ भारतीय जनमानस में एक विरोध की भावना को जन्म दिया।दांडी मार्च अभूतपूर्व घटना हुई, जिसने ब्रिटिश साम्राज्य को हिला कर रख दिया। दांडी यात्रा द्वारा ही गांधी जी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की।

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